ग्रीन हाइड्रोजन क्या है?
ग्रीन हाइड्रोजन एक प्रकार का हाइड्रोजन है जिसे इलेक्ट्रोलिसिस (electrolysis) नामक प्रक्रिया के माध्यम से बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में पानी (H₂O) को हाइड्रोजन (H₂) और ऑक्सीजन (O₂) में विभाजित किया जाता है। इसे "ग्रीन" बनाने वाली मुख्य विशेषता यह है कि इस प्रक्रिया को चलाने के लिए उपयोग की जाने वाली बिजली 100% नवीकरणीय स्रोतों (renewable sources) से आती है, जैसे कि सौर, पवन या जलविद्युत। 🌍
इसका मतलब है कि पूरा उत्पादन चक्र कार्बन उत्सर्जन से मुक्त होता है।
पानी के इलेक्ट्रोलिसिस के लिए समग्र रासायनिक प्रतिक्रिया है:
2H₂O ⟶ 2H₂ + O₂
हाइड्रोजन के अन्य प्रकार
यह समझने के लिए कि ग्रीन हाइड्रोजन क्यों महत्वपूर्ण है, हाइड्रोजन के अन्य "रंगों" के बारे में जानना मददगार होता है, जिन्हें उनके कार्बन फुटप्रिंट के आधार पर नाम दिया गया है:
- ब्लू हाइड्रोजन (Blue Hydrogen): यह प्राकृतिक गैस (मीथेन) से स्टीम-मीथेन रिफॉर्मिंग नामक प्रक्रिया के माध्यम से उत्पन्न होता है। यह प्रक्रिया हाइड्रोजन बनाती है लेकिन कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) भी छोड़ती है। ब्लू हाइड्रोजन में उस CO₂ को कैप्चर और स्टोर (Carbon Capture and Storage - CCS) किया जाता है, जिससे इसका पर्यावरणीय प्रभाव कम हो जाता है।
- ब्राउन/ब्लैक हाइड्रोजन (Brown/Black Hydrogen): यह सबसे अधिक पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाला तरीका है। यह कोयला गैसीकरण के माध्यम से उत्पन्न होता है, एक ऐसी प्रक्रिया जो बड़ी मात्रा में CO₂ और अन्य प्रदूषकों को वायुमंडल में छोड़ती है।
- ग्रे हाइड्रोजन (Grey Hydrogen): यह वर्तमान में हाइड्रोजन उत्पादन का सबसे आम रूप है। इसे ब्लू हाइड्रोजन की तरह ही (प्राकृतिक गैस से) बनाया जाता है, लेकिन इसमें CO₂ को कैप्चर नहीं किया जाता, जिसका अर्थ है कि ग्रीनहाउस गैसें सीधे वायुमंडल में छोड़ी जाती हैं।
- पिंक/येलो/टरकॉइज़ हाइड्रोजन (Pink/Yellow/Turquoise Hydrogen): ये अन्य कम-कार्बन विधियाँ हैं। पिंक हाइड्रोजन परमाणु ऊर्जा द्वारा संचालित इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से बनाया जाता है। येलो हाइड्रोजन विशेष रूप से सौर ऊर्जा द्वारा संचालित इलेक्ट्रोलिसिस का उपयोग करता है। टरकॉइज़ हाइड्रोजन मीथेन पायरोलिसिस से उत्पन्न होता है, जो CO₂ के बजाय ठोस कार्बन को एक उप-उत्पाद के रूप में बनाता है।