नवपाषाण काल के विकास में जलवायु परिवर्तन की भूमिका

नवपाषाण काल के विकास में जलवायु परिवर्तन की भूमिका
नवपाषाण काल (Neolithic Age) मानव इतिहास का वह काल है जब मनुष्यों ने कृषि और पशुपालन का विकास किया। इस काल में मनुष्यों ने स्थायी बस्तियों का निर्माण करना शुरू किया और कृषि और पशुपालन के आधार पर एक स्थिर जीवन शैली विकसित की। नवपाषाण काल के विकास में जलवायु परिवर्तन की एक महत्वपूर्ण भूमिका थी। नवपाषाण काल से पहले, पृथ्वी का जलवायु अधिक ठंडा और शुष्क था। इस कारण, मनुष्यों को शिकार-संग्रह पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन नवपाषाण काल में, पृथ्वी का जलवायु अधिक गर्म और आर्द्र हो गया। इस कारण, फसलों और पशुओं को उगाने के लिए अनुकूल वातावरण बन गया। जलवायु परिवर्तन के कारण, मनुष्यों को खेती और पशुपालन की नई तकनीकों का विकास करना पड़ा। उन्होंने कृषि के लिए उपयुक्त भूमि का चयन करना, बीजों का चयन करना और फसलों की देखभाल करना सीखा। उन्होंने पशुओं को पालना और उनका पालन करना भी सीखा। जलवायु परिवर्तन के कारण, मनुष्यों को स्थायी बस्तियों का निर्माण करना भी पड़ा। खेती और पशुपालन के लिए स्थिर भूमि और पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए, मनुष्यों को स्थायी बस्तियों का निर्माण करना पड़ा। इस प्रकार, जलवायु परिवर्तन न…

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