छठी शताब्दी ईसा पूर्व के काल में धार्मिक-सामाजिक जागरूकता

छठी शताब्दी ईसा पूर्व के काल में धार्मिक-सामाजिक जागरूकता
छठी शताब्दी ईसा पूर्व का काल अपने धार्मिक और सामाजिक जागरूकता के लिए जाना जाता है। इस काल को बौद्ध और जैन धर्म के उदय के लिए अनुकूल माना जाता है। इस काल को अनुकूल बनाने वाले कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं: सामाजिक परिस्थितियां: छठी शताब्दी ईसा पूर्व में, भारत में सामाजिक असमानताएं बढ़ रही थीं। ब्राह्मणवादी व्यवस्था के कारण, समाज में शोषण और अन्याय व्याप्त था। इस स्थिति से लोगों में असंतोष बढ़ रहा था। आर्थिक परिस्थितियां: छठी शताब्दी ईसा पूर्व में, भारत में आर्थिक विकास हो रहा था। व्यापार और वाणिज्य में वृद्धि हो रही थी। इस विकास ने लोगों के जीवन स्तर में सुधार किया। राजनीतिक परिस्थितियां: छठी शताब्दी ईसा पूर्व में, भारत में राजनीतिक अस्थिरता थी। कई छोटे-छोटे राज्यों का उदय हुआ था। इस अस्थिरता ने लोगों को एक नए धर्म की तलाश में प्रेरित किया। इन कारणों से, लोग नए धर्मों की ओर आकर्षित हुए। बौद्ध और जैन धर्मों ने इन सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक समस्याओं का समाधान प्रदान किया। इन धर्मों ने लोगों को समानता, न्याय, और प्रेम का संदेश दिया। बौद्ध धर्म गौतम बुद्ध ने छठी शताब्दी ईसा पूर्व में बौद्ध धर…

Post a Comment