प्राचीन काल में भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी
प्राचीन काल में भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी था। भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने कई महत्वपूर्ण खोजें और विकास किए। इन खोजों और विकासों ने विश्व विज्ञान और प्रौद्योगिकी को गहराई से प्रभावित किया। प्राचीन भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को तीन प्रमुख चरणों में विभाजित किया जा सकता है: प्रारंभिक चरण (600 ईसा पूर्व से 200 ईस्वी तक) प्रारंभिक चरण में, भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने गणित, खगोल विज्ञान, ज्योतिष, और चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण खोजें कीं। इनमें शामिल हैं: गणित: शून्य, बीजगणित, ज्यामिति, और खगोल विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय वैज्ञानिकों की खोजों ने विश्व विज्ञान को गहराई से प्रभावित किया। भारतीय वैज्ञानिकों ने शून्य की अवधारणा विकसित की, जो गणित के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। उन्होंने बीजगणित के सिद्धांतों को विकसित किया, ज्यामिति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया, और खगोल विज्ञान के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण खोजें कीं। खगोल विज्ञान: भारतीय खगोलविदों ने ग्रहों और नक्षत्रों की गति का अध्ययन किया और भविष्यवाणियां करने के ल…