भारत में बौद्ध धर्म के इतिहास में पाल काल का महत्व
भारत में बौद्ध धर्म के इतिहास में पाल काल का महत्व
भारत में बौद्ध धर्म का इतिहास लगभग 2500 वर्ष पुराना है। इस दौरान इस धर्म ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। पाल काल (750-1200 ईस्वी) बौद्ध धर्म के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। इस काल में बौद्ध धर्म को एक नई ऊर्जा और प्रेरणा मिली। पाल राजवंश के शासकों ने बौद्ध धर्म के पुनरुत्थान के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कई बौद्ध मठों और विहारों का निर्माण करवाया। उन्होंने बौद्ध धर्म के अध्ययन और प्रचार-प्रसार के लिए भी कई उपाय किए। पाल काल में बौद्ध धर्म के पुनरुत्थान के निम्नलिखित कारण थे पाल राजवंश का बौद्ध धर्म के प्रति समर्थन: पाल राजवंश के शासक बौद्ध धर्म के अनुयायी थे। उन्होंने बौद्ध धर्म को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए। बौद्ध धर्म के आंतरिक सुधार: पाल काल में बौद्ध धर्म के आंतरिक सुधार हुए। बौद्ध धर्म को अधिक लोकप्रिय और आधुनिक बनाने के लिए कई प्रयास किए गए। हिंदू धर्म के साथ प्रतिस्पर्धा: इस काल में हिंदू धर्म भी एक शक्तिशाली धर्म था। बौद्ध धर्म को अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए हिंदू धर्म के साथ प्रतिस्पर्धा करनी पड़ी। पाल काल में बौद्ध धर्म के पुनरुत्थान के निम्नलिखित परिणाम हुए बौद्ध धर…